The 2-Minute Rule for hanuman chalisa
The 2-Minute Rule for hanuman chalisa
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[RamDoota=Lord Ram messenger; atulita=measured; atilita=immeasurable; bala=energy; dhama=abode; Anjani=of Anjana; putra=son; pavana=wind; suta=son; naama=name]
हनुमान चालीसा लिरिक्स स्वयं गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखे हैं, जो कि रामायण के बाद सबसे प्रसिद्ध रचना है।
व्याख्या – मनरूपी दर्पण में शब्द–स्पर्श–रूप–रस–गन्धरूपी विषयों की पाँच पतवाली जो काई (मैल) चढ़ी हुई है वह साधारण रज से साफ होने वाली नहीं है। अतः इसे स्वच्छ करने के लिये ‘श्रीगुरु चरन सरोज रज’ की आवश्यकता पड़ती है। साक्षात् भगवान् शंकर ही यहाँ गुरु–स्वरूप में वर्णित हैं–‘गुरुं शङ्कररूपिणम् ।‘ भगवान् शंकर की कृपा से ही रघुवर के सुयश का वर्णन करना सम्भव है।
अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥ महाबीर बिक्रम बजरङ्गी ।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥१८॥ प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
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महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जितः॥
व्याख्या – कोई औषधि सिद्ध करने के बाद ही रसायन बन पाती है। उसके सिद्धि की पुनः आवश्यकता नहीं पड़ती, तत्काल उपयोग में लायी more info जा सकती है और फलदायक सिद्ध हो सकती है। अतः रामनाम रसायन हो चुका है, इसकी सिद्धि की कोई आवश्यकता नहीं है। सेवन करने से सद्यः फल प्राप्त होगा।
સાળંગપુર હનુમાનજી શ્રી કષ્ટભંજનદેવ – દર્શનનો સમય
"किसने लिखी थी हनुमान चालीसा, जिसके बारे में कही जाती हैं कई बातें".
नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
“He whoever recites this 100 times, his chains of Bondage will probably be Minimize, Wonderful contentment are going to be his.”
Getting polished the mirror of my coronary heart With all the dust of my Expert’s lotus ft, I recite the divine fame of the greatest king of Raghukul dynasty, which bestows us Using the fruit of many of the 4 efforts.